The India News 10

The India News 10
क्यूॅं न कहूॅं सच

अधिकारिक लापरवाही का मामला

 अधिकारिक लापरवाही का मामला 





हनुमानगढ़ के परिवहन निरीक्षक पवन चुघ का ऑफिस में दिन-प्रतिदिन देर से आना चर्चा का विषय बना हुआ है। जब पूरे शहर में लोग अपने कार्यों में व्यस्त रहते हैं, तब पवन चुघ जैसे अधिकारी ऑफिस में समय का सही उपयोग नहीं कर रहे। शुरूआत में उनका लेट आना ही उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, फिर भी यह कोई नई बात नहीं है।

एक गंभीर स्थिति तब उत्पन्न होती है जब पवन चुघ बिना किसी कार्य के, अपने खाने के समय में जल्दी चले जाते हैं। यह साफ दिखाता है कि उन्हें अपने काम से ज्यादा खाने की चिंता है। कई बार उन्हें छोड़कर जाकर, अपने निर्धारित ऑफिस के घंटे को भी नजरअंदाज करते हुए देखा गया है। यह व्यवहार न केवल उनकी पेशेवर जिम्मेदारियों को प्रभावित करता है, बल्कि इससे कार्यालय वातावरण भी नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है।

जब हमने परिवहन अधिकारी नरेश पुनिया से मुलाकात की, तब पाया कि वे कार्यालय में पूरी लगन से कार्य कर रहे थे। यह सवाल उठता है कि क्या ऑफिस की सारी जिम्मेदारी नरेश पुनिया को संभालनी पड़ती है? पवन चुघ का यह आलस्य देखकर ऐसा लगता है कि जैसे वे सिर्फ ऑफिस में समय बिताने के लिए आते हैं, जबकि गंभीर मुद्दों की तरफ अनदेखा करते हैं।

राज्य सरकार और उच्च अधिकारियों को इस पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। यदि ऐसे लापरवाह अधिकारी इसे जारी रखते हैं, तो इसका सीधा असर राज्य के राजस्व पर पड़ेगा। आम आदमी इस लापरवाही का खामियाजा भुगत रहा है, क्योंकि उनकी छोटी-छोटी समस्याओं का निपटारा नहीं हो पा रहा है।

अधिकारीयों की ऐसी लापरवाही से निपटने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि कोई अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं कर रहा है, तो उसे नौकरी से मुक्त कर देना चाहिए। यह आवश्यक है कि राज्य सरकारी कर्मचारियों को यह समझाएं कि हर कार्य का एक समय और महत्व होता है। सही दिशा में कार्य करते हुए, हम न केवल सरकारी तंत्र को मजबूत करेंगे बल्कि सार्वजनिक सेवाओं में विश्वसनीयता भी बहाल कर सकेंगे।

Post a Comment

0 Comments