*बालाजी नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र, जैन न्यूरो साइक्रेटिक सेंटर एवं शर्मा क्लिनिक का आकस्मिक निरीक्षण*
*- एक संस्थान में तीन डॉक्टरों की सेवाएं बताई, लेकिन जांच के दौरान एक भी नहीं मिला*
*- दो संस्थानों को क्लिनिकल स्थापना अधिनियम में पंजीकरण करवाने के दिए आदेश*
हनुमानगढ़। नशा मुक्ति केन्द्रों के निरीक्षण अभियान के तहत बुधवार को हनुमानगढ़ में चल रहे तीन नशामुक्ति केन्द्र का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने नशामुक्ति केन्द्र द्वारा दी जा रही चिकित्सकीय सेवाओं एवं व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उनके साथ डीईओ जसविन्द्र बराड़ एवं मलकीत सिंह उपस्थित रहे।
*डॉ. नवनीत शर्मा* ने बताया कि जिले में आयोजित मानस अभियान के अंतर्गत नशा मुक्ति केन्द्रों के निरीक्षण अभियान के तहत आज उन्होंने हनुमानगढ़ में चल रहे तीन नशामुक्ति केन्द्र का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि सतीपुरा में दलसिंहनगर स्थित बालाजी नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र, टाउन स्थित जैन न्यूरो साइक्रेटिक सेंटर एवं पंजाबी मौहल्ला स्थित शर्मा क्लिनिक का निरीक्षण किया गया। जांच करने पर पाया कि दो नशामुक्ति केन्द्र ने क्लिनिकल स्थापना अधिनियम के तहत अभी नहीं पंजीकरण नहीं करवाया है। डॉ. शर्मा ने बताया कि बालाजी नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र के संचालक सतीपुरा निवासी अनिल पूनिया ने बताया कि यह संस्थान 2013 से संचालित है, लेकिन अभी तक उन्होंने अभी तक क्लिनिकल स्थापना अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है। निरीक्षण दल ने संस्थान की पात्रता संबंधित दस्तावेजात की जांच की। संचालक ने बताया कि यहां पर डॉ. नितिन सिंह, डॉ. विजय भटनागर एवं डॉ. अमन गौरी मरीजों की जांच करते हैं, लेकिन मौके पर कोई भी चिकित्सक उपलब्ध नहीं था। उन्होंने आज तक 900 मरीजों का इलाज किया है और इस समय 51 मरीज उपचाराधीन हैं। इस दौरान वहां उपस्थित मरीजों से उपचार, दवाइयों, भोजन व्यवस्था, दैनिक गतिविधियों सहित समस्त व्यवस्थाओं के बारे में बात की गई। उपचार ले रहे एक मरीज गुरप्रीतसिंह ने बताया कि वह पंजाब का रहने वाला है। एक अन्य मरीज टिडियासर निवासी लक्ष्मी नारायण (58) ने बताया कि उसके बच्चों ने उसे यहां इलाज के लिए भेजा है, लेकिन मार्च से उसे कोई भी दवाई नहीं दी गई है। संचालक को एक्ट के तहत पंजीकरण करवाने के निर्देश दिए गए। संचालक को नशा छोडऩे वाले मरीजों का डाटा उपलब्ध करवाने के लिए पाबंद किया गया एवं किसी भी मरीज की दवाई बंद करने से पहले चिकत्सकीय परामर्श लेने हेतु निर्देशित किया।
इसके बाद टाउन स्थित जैन न्यूरो साइक्रेटिक सेंटर की जांच की। संस्थान पर डॉ. विक्रम जैन एवं स्टाफ उपस्थित रहा। दस्तावेजों की जांच में कोई अनियमितता नहीं पाई गई। इस दौरान स्टाक रजिस्टर, डेली विजिट रजिस्टर सहित समस्त दस्तावेजों की जांच की, जो सही पाए गए। संस्थान ने क्लिनिकल स्थापना अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ था। इसके बाद टाउन के पंजाबी मौहल्ला स्थित शर्मा क्लिनिक का निरीक्षण किया गया, जहां डॉ. बीके शर्मा उपस्थित थे। संस्थान के दस्तावेजों सहित दवाइयों आदि की जांच की गई, जो सही पाए गए। संस्थान को जल्द से जल्द नशा मुक्ति का क्लिनिकल स्थापना अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए पाबंद किया गया।
*डिप्टी सीएमएचओ डॉ. अखिलेश शर्मा* ने बताया कि गत दो दिन पूर्व उन्होंने कोहला स्थित यू-टर्न एवं समाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग राजस्थान से अनुदानित नशा मुक्ति केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वहां उपस्थित मरीजों से मिल रहे उपचार, भोजन एवं अन्य व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने स्टाफ से मरीजों को दैनिक गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। इस दौरान डॉ. अखिलेश शर्मा ने वेंटीलेशन को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। डॉ. अखिलेश शर्मा ने किचन की भी जांच की एवं व्यवस्थित करने के दिशा-निर्देश प्रदान किए। निरीक्षण के दौरान वहां पर कोटपा एक्ट की प्रचार-प्रसार सामग्री भी नहीं पाई गई। ऐसे में संस्थान संचालकों को प्रचार-प्रसार सामग्री लगाने के निर्देश दिए।
*हनुमानगढ़ बीसीएमओ डॉ. कुलदीप बराड़* ने बताया कि उन्होंने चिश्तियां स्थित आसरा नशा मुक्ति केन्द्र एवं गंगानगर रोड स्थित दिव्य ज्योति नशा मुक्ति केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। उनके साथ समाज अधिकारी अधिकारी विक्रमसिंह ने भी नशा मुक्ति केन्द्रों की व्यवस्थाओं की जांच की। दोनों संस्थानों ने क्लिनिकल स्थापना अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ था एवं दस्तावेज भी पूर्ण मिले। उन्होंने वहां उपचार ले मरीजों से उपचार, दवाइयां, भोजन सहित मिल रही व्यवस्थाओं की जांच की। भादरा बीसीएमओ डॉ. लक्ष्य चौधरी ने बताया कि उन्होंने भी भादरा के समस्त नशा मुक्ति की जांच कर रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग को भिजवा दी गई है।
*साइक्रेटिक क्लिनिक के 680 मरीजों ने नशा करना छोड़ा*
डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि जिला कलक्टर श्री कानाराम के निर्देशन में मानस अभियान आयोजित किया जा रहा है। अभियान के तहत 26 जून 2024 से 10 जून 2025 तक की रिपोर्ट में सामने आया कि जिले में संचालित 21 प्राइवेट साइक्रेटिक क्लिनिक में अब तक 680 मरीजों ने नशा करना पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। इसी के अंतर्गत 1551 मरीजों को दवाओं की कम डोज लेनी शुरु कर दी है। यह सभी मरीज अब नार्मल जिन्दगी जी रहे हैं। इन सभी सेंटर से नशा छोड़ चुके व्यक्तियों को लाइन लिस्ट लिस्ट ली जा रही है, जिससे स्वास्थ्य विभाग द्वारा सम्पर्क किया जाएगा और हनुमानगढ़ के नशा छोडऩे वाले व्यक्तियों को चिन्हित किया जाएगा।








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