निमोनिया नहीं तो बचपन सहीÓ
- जिले में शुरू हुआ 'सांसÓ अभियान, नौनिहाल होंगे सुरक्षित
हनुमानगढ़। जिले में जन्म से पांच साल तक के बच्चों को निमोनिया के जानलेवा खतरे से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है। विभाग ने 'निमोनिया नहीं, तो बचपन सहीÓ के ध्येय वाक्य के साथ, 'सांसÓ अभियान की निमोनिया दिवस से शुरुआत की है। यह अभियान आगामी 28 फरवरी 2026 तक चलेगा, जिसका मुख्य लक्ष्य समुदाय स्तर पर निमोनिया से होने वाली शिशु मृत्यु दर को शून्य करना है।
सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि सर्दियों के मौसम में निमोनिया के मामले तेज़ी से बढ़ जाते हैं, जो अक्सर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए जानलेवा साबित होता है। उन्होंने कहा कि समय पर जागरूकता, लक्षणों की शीघ्र पहचान और उचित उपचार ही इस बीमारी से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमें, खासकर आशा सहयोगिनी (शहरी और ग्रामीण) क्षेत्रों में घर-घर जाकर 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों की सघन स्क्रीनिंग करेंगी। इसी तरह एएनएम और सीएचओ भी सांस अभियान को लेकर आवश्यक गतिविधियां करेंगे। ये कार्मिक एवं चिकित्सक बच्चों में तेज़ सांस लेने, लगातार खांसी और तेज़ बुखार जैसे निमोनिया के लक्षणों की पहचान करते हुए जांच करेंगे। अभिभावकों को निमोनिया के कारण, लक्षण, बचाव के उपाय और सही टीकाकरण के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। निमोनिया लक्षण वाले बच्चों को तत्काल जांच और इलाज के लिए नज़दीकी स्वास्थ्य केन्द्रों या अस्पतालों में भेजा जाएगा, जहां उनकी विशेष एवं गंभीरता से जांच करते हुए उपचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान बच्चों को निमोनियारोधक पीसीवी, पेंटावेलेंट और एमआर जैसे आवश्यक टीके भी लगाए जाएंगे। जिन बच्चों का टीकाकरण छूट गया है, उनकी सूची बनाकर उन्हें कवर किया जाएगा।
क्यों जरूरी है 'सांसÓ अभियान ?
डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार निमोनिया आज भी दुनिया भर में बच्चों में मौत का सबसे बड़ा संक्रामक कारण है। ऐसे में सांस अभियान बेहद जरूरी है और संभवत: जागरूकता ही सबसे प्रभावी टीका है। हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना है कि निमोनिया के कारण किसी भी बच्चे का बचपन खतरे में न पड़े। निमोनिया से बचाव के लिए साफ-सफाई, स्तनपान, पौष्टिक आहार और समय पर टीकाकरण बहुत आवश्यक है।
अभिभावकों के लिए अपील
डॉ. नवनीत शर्मा ने सभी माता-पिता से अपील की है कि वे सर्दी के मौसम में अपने बच्चों का विशेष ध्यान रखें। यदि बच्चे में सांस लेने में तकली$फ, लगातार खांसी या तेज बुखार दिखाई दे, तो इसे सामान्य सर्दी-जुकाम न समझें और तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। इसके अलावा बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं, घर में धुएं और प्रदूषण से बचाएं, छह माह तक केवल स्तनपान कराएं एवं हाथों की नियमित सफाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इस व्यापक अभियान के माध्यम से, जिले का स्वास्थ्य विभाग बच्चों को निमोनिया से सुरक्षित कर उनके स्वस्थ भविष्य की नींव रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के टिवट्र, फेसबुक, व्हाटसअप चैनल, इंस्टाग्राम के सोशल मीडिया पेज एवं आईडी (आईईसी हनुमानगढ़) पर निमोनिया से संंबंधित जागरुकता संदेशों को भी नियमित रूप से प्रसारित किया जाएगा।

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