*एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम : विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश मेें बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को मिलेगी एनीमिया की नियमित खुराक : डॉ. नवनीत शर्मा*
*- राज्य स्तर से जारी हुए दिशा-निर्देश*
हनुमानगढ़। एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत जिला हनुमानगढ़ में 6 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों एवं किशोर-किशोरियों में एनीमिया की रोकथाम हेतु आयरन फोलिक एसिड (आईएफए) की नियमित खुराक प्रदान की जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों में हिमोग्लोबिन के स्तर में सुधार कर उनकी शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। अभियान के अंतर्गत ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान भी बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को नियमित रूप से एनीमिया की खुराक दी जाएगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि राज्य स्तर से प्राप्त निर्देशों के अनुसार विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश होने के कारण बच्चों को आईएफए की खुराक निरंतर देने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई है। इसके लिए विद्यालय प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, स्वच्छता एवं पोषण समिति के सदस्यों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनियों तथा स्वास्थ्यकर्मियों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान घरों में सेवन करने के लिए कक्षा 1 से 5वीं तक तथा कक्षा 6वीं से 12वीं तक अध्ययनरत विद्यार्थियों को आईएफए की गुलाबी गोली एवं आईएफए नीली गोली का साप्ताहिक सेवन (अनुपूरण) सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रजजन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं। एनीमिया की व्यापकता को देखते हुए ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान ग्राम पंधान/सरपंच अन्य स्थानीय धर्म गुरुओं, स्वयं सहायता समूहों, पंचायती राज संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित कर सीएचओ, एएनएम, आशा सुपरवाइजर, आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकर्ता द्वारा पोषण सत्रों का आयोजन कर समुदाय के साथ संवाद स्थापित किया जाए। गृह भ्रमण के दौरान हितग्राहियों द्वारा आईएफए की गोली सेवन की निगरानी सुनिश्चित की जाए। आईएफए की गुलाबी गोली एवं नीली गोली की स्ट्रिप की अनुपलब्धता की स्थिति में आंगनबाड़ी केन्द्र/आयुष्मान आरोग्य मंदिर से बच्चे की आयु अनुसार आईएफए की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
डॉ. शर्मा ने बताया कि आयरन की गुलाबी अथवा नीली गोली का सेवन प्रत्येक मंगलवार को भोजन के एक घंटे बाद किया जाए। आयरन की पूरी एक गोली का सेवन पानी या सम्भवत: नींबू पानी के साथ निगलकर किया जाए। भोजन तथा आयरन की गोली में उपलब्ध आयरन अवशोषण हेतु भोजन के एक घंटे पूर्व एवं एक घंटे उपरांत चाय, काफी, दूध एवं सोडा युक्त पेय पदार्थों का सेवन किया जाए। उन्होंने बताया कि भोजन में विटामिन-सी युक्त फल एवं सब्जियों जैसे नींबू, अमरुद, आंवला, संतरा, हरी मिर्च, धनिया आदि को सम्मिलित करें, जिससे आयरन के अवशोषण में मदद मिले। किसी भी प्रकार की बीमारी जैसे बुखार, उल्टी, दस्त, सर्दी आदि होने पर आयरन की गोली का सेवन कुछ समय तक ना किया जाए। आयरन की गोली के सेवन से कभी-कभी बच्चों में जी मिचलाना, उलटी या पेट दर्द की शिकायत हो सकती है, जो अल्पकालीन एवं स्वसीमित होती है। ऐसे में गोली का सेवन बंद न करें एवं बच्चे को परेशानी होने पर कुछ समय के लिए खुले छायादार स्थान पर लिटाएं। अवकाश के दौरान जिन बच्चों को गोली दी गई है, उनकी संख्या मासिक प्रतिवेदन में लिखकर रिर्पोटिंग प्रणाली के अनुसार शिक्षक के माध्यम से शाला दर्पण पोर्टल पर किया जाएगा। शिक्षक, आशा कार्यकर्ता, आशा सुपरवाईज, एएनएम, सीएचओ तथा अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा घरों में बच्चों द्वारा ली जा रही आईएफए गोली के सेवन की पुष्टि भी की जावेगी।
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