जिले में पेयजल संकट की गम्भीरता
हनुमानगढ़ में पेयजल संकट एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। केंद्र सरकार के 'हर घर नल, हर घर जल' कार्यक्रम का हवन होता दिखता है, लेकिन इस जिले के लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। पानी की किल्लत ने आमजन की जिंदगी को अत्यंत कठिन बना दिया है, जहां रोजाना के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं।
दूसरी ओर, राज्य सरकार और प्रशासन की नाकामियों से स्पष्ट है कि यह समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। नोहर, भादरा, और आसपास के गांवों में लोग अपने बुनियादी आवश्यकता के लिए प्राइवेट टैंकरों पर निर्भर होने को मजबूर हैं। यह अजीब है कि सरकारी योजना का लाभ लोग नहीं ले पा रहे हैं और केवल निजी क्षेत्र पर निर्भर हैं, जो काला बाजारी का औजार बन चुका है।
किसानों को सिंचाई के लिए जरूरतमंद पानी नहीं मिल रहा है, जबकि आमजन को पीने का पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। यह स्थिति दिखाती है कि हनुमानगढ़ का जिला प्रशासन आमजन के प्रति कितना असंवेदनशील हो चुका है। अब समय आ चुका है कि जनमानस को एकजुट होकर अपनी आवाज उठानी होगी, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके। केवल इसके जरिए ही वे अपने हक की मांग कर सकते हैं और अपने गांवों में जल संकट का समाधान करवा सकते हैं।
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