सीएचसी गोलूवाला, पीएचसी डूंगराना व पीएचसी मेघाना में नशा मुक्ति शिविर आयोजित
- अनेक मरीजों ने जताई नशा छोडऩे की इच्छा, शुरु हुआ उपचारहनुमानगढ़। नशा मुक्त हनुमानगढ़ की परिकल्पना के चलते जिला कलक्टर श्री कानाराम के निर्देशन में जिले में मानस अभियान के तहत नशा मुक्ति शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में सोमवार 2 दिसम्बर को खण्ड भादरा की पीएचसी डूंगराना, खण्ड पीलीबंगा की सीएचसी गोलूवाला एवं खण्ड नोहर पीएचसी मेघाना में नशा मुक्ति शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में मनोचिकित्सक से काउंसलिंग के बाद अनेक मरीजों ने नशा छोडऩे की इच्छा जताई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने सीएचसी गोलूवाला में आए मरीजों एवं उनके परिजनों से बात की। शिविर में उपस्थित मनोचिकित्सक एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने शिविर को सफल बनाने में सहयोग किया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि जिले में आयोजित नशा मुक्ति अभियान के तहत सोमवार 2 दिसम्बर को पीएचसी डूंगराना, सीएचसी गोलूवाला एवं पीएचसी मेघाना में नशा मुक्ति शिविर का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि सीएचसी गोलूवाला में आयोजित शिविर में 59 मरीजों ने पंजीकरण करवाया, जिसमें नशा करने वाले 49 मरीज थे। मनोचिकित्सक डॉ. रिपुदमन एवं सीएचसी इंचार्ज डॉ. चिराग मोदी ने उपस्थित मरीजों की काउंसलिंग की एवं उपचार शुरु किया। सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने कैम्प की व्यवस्थाओं की जांच की एवं वहां उपस्थित मरीजों एवं उनके परिजनों से बात की। शिविर में उपस्थित एएनएम राजविन्द्र कौर ने कान्हेवाला से 9 मरीजों को कैम्प में लाई। वहीं एएनएम सुमनलता भी 33-एलएलडब्ल्यू से 9 मरीजों को कैम्प में उपचार के लिए लेकर लाई। डॉ. शर्मा ने बताया कि कैम्प में उपस्थित 7 मरीजों ने नशा छोडऩे की इच्छा जताई। गोलूवाला में आयोजित शिविर में मेडिकेटेड एवं चिट्टे के 18 मरीज उपचार के लिए आए थे। डॉ. शर्मा ने बताया कि पीएचसी डूंगराना में 63 मरीजों ने पंजीकरण करवाया गया, जिसमें नशा करने वाले 51 मरीज थे। मनोचिकित्सक डॉ. सुनील कुमार एवं पीएचसी इंचार्ज डॉ. सुरेश ने सभी मरीजों की काउंसलिंग कर उनका उपचार शुरु किया। डॉक्टर्स एवं स्वास्थ्यकर्मियों ने सभी मरीजों के साथ बातचीत कर उन्हें नशों के दुष्प्रभाव से उनके परिवार एवं समाज पर होने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी। शिविर में आए 17 मरीजों ने स्वयं नशा छोडऩे की इच्छा जताई। डॉ. शर्मा ने बताया कि पीएचसी मेघाना में आयोजित शिविर में 20 मरीजों ने पंजीकरण करवाया, जिसमें नशा करने वाले 12 मरीज थे। मनोचिकित्सक डॉ. मनोज डूडी एवं पीएचसी इंचार्ज डॉ. सुरेन्द्र भांभू ने उपस्थित मरीजों की काउंसलिंग कर उन्हें दवाइयां दीं। शिविर में आए 8 मरीजों ने स्वयं नशा छोडऩे की इच्छा जताई। शिविर में मेडिकेटेड एवं चिट्टे के 3 मरीज उपचार के लिए आए थे। अंत में सभी मरीजों को नशा छोडऩे की शपथ भी दिलाई गई।
कैम्पों में आने वाले मरीजों का नियमित फालोअप
डॉ. शर्मा ने बताया नशा मुक्ति कैम्पों में आने वाले मरीजों का स्वास्थ्यर्मियों द्वारा नियमित रूप से फालोअप किया जा रहा है। जिला एवं ब्लॉक स्तर से स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा मरीजों एवं उनके परिजनों को फोन कर मिल रहे उपचार के बारे में जानकारी ली जा रही है। मरीजों के उपचार के लगे डॉक्टरों ने बताया कि अनेक मरीजों को अब पहले के कम दवाइयां दी जा रही है।
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