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हनुमानगढ़ जिला परिवहन कार्यालय में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल

 हनुमानगढ़ जिला परिवहन कार्यालय में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल!

- हनुमानगढ़ जिला परिवहन कार्यालय में कार्यरत प्राइवेट व्यक्तियों पर गंभीर आरोप लगे हैं।

- ये व्यक्ति विभिन्न पदों का दुरुपयोग कर रहे हैं और कुछ पर पैसों का लेन-देन करने का भी आरोप है।

- प्रवीण शर्मा, पवन सेन, रामप्रताप जैसे प्राइवेट व्यक्तियों की बड़ी भूमिका है, जिनके पास करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति होने का संदेह है।

- एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई गई है इस मामले की जांच उच्चाधिकारी कर रहे हैं।




हनुमानगढ़ जिला परिवहन कार्यालय की गतिविधियां अब सवालों के घेरे में हैं। यहां कार्यरत प्राइवेट व्यक्तियों, जैसे भरत सिंह, मलकीतसिंह, पवन सेन, पृथ्वी वर्मा, राजेंद्र सिंह, राकेश गांधी, सुभाष सिंह, रामप्रताप, राजीव और प्रवीण शर्मा, पर गंभीर आरोप लगे हैं। ये सभी विभिन्न पदों का दुरुपयोग कर रहे हैं और कुछ व्यक्तियों पर पैसों का लेन-देन करने का भी आरोप है, जो भ्रष्टाचार की गंभीरता को दर्शाता है।

इन्हीं में से प्रवीण शर्मा, जो जिला परिवहन अधिकारी नरेश पुनिया के करीबी हैं, को लेकर चर्चा है कि वह नरेश पुनिया के दफ्तर में पर्दे के पीछे बैठकर सभी लेन-देन करते हैं। यह स्थिति न केवल विभाग के भीतर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है बल्कि इस पर उच्चाधिकारियों के निर्देशों का कटाक्ष भी करती है। अफसोस की बात है कि नरेश पुनिया इस सबका संरक्षण कर रहे हैं, जिससे कार्यालय का कार्य भ्रष्टाचार के रंग में डूबा हुआ प्रतीत होता है।

सूत्रों से पता चला है कि नरेश पुनिया के द्वारा प्रवीण शर्मा के माध्यम से सभी लेन-देन किया जा रहा है, वहीं परिवहन निरीक्षक पवन चुघ के पैसे का लेन-देन रामप्रताप करता है। इसी तरह, जगजीत सिंह बाबू जैसे अन्य लोग भी इसी नेटवर्क का हिस्सा हैं, जो कर्मचारियों और अधिकारियों के दो नंबर के पैसे के लेन-देन को अंजाम दे रहे हैं। अगर हम सही से आकलन करें, तो यह स्पष्ट है कि ये लोग रोजाना लाखों रुपयों की अवैध कमाई कर रहे हैं।

इस पूरे खेल में प्रवीण शर्मा, पवन नाई, और रामप्रताप जैसे प्राइवेट व्यक्तियों की बड़ी भूमिका है, जिनके पास करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति होने का संदेह है। एसीबी द्वारा इस मामले की जांच की जाने की बातें उठ रही हैं। जब हमने नरेश पुनिया से इस संबंध में सवाल पूछे, तो उन्होंने कुछ भी बताने से मना कर दिया और धमकी भरी आवाज में जवाब दिया। ऐसे में यह समझना कठिन नहीं है कि उनका करोड़ों का बिजनेस कैसे प्रभावित हो रहा होगा।

परिवहन निरीक्षक पवन चुघ से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन उठाना भी उचित नहीं समझा। हनुमानगढ़ जिला परिवहन कार्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर गहरी चिंता जाहिर करने की आवश्यकता है। सरकार को इस संकट पर ध्यान केंद्रित करना होगा, और उच्चाधिकारियों को चाहिए कि वे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करें, ताकि सरकार का राजस्व सुरक्षित रह सके।

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