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हनुमानगढ़ परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश

 हनुमानगढ़ परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश 




हनुमानगढ़ परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की एक गंभीर दास्तान चल रही है। निलंबित परिवहन निरीक्षक रत्न लाल मीणा, जो काफी समय से सस्पेंड हैं, फिर भी प्रतिदिन 30-40 हजार रुपए की अवैध कमाई कर रहे हैं। यह स्थिति न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि आम जनता को भी ठगने का एक साधन बन गई है।

उनके द्वारा संचालित भ्रष्टाचार की यह पूरी मशीनरी अवैध रूप से काम कर रही है। ड्राइविंग  लाइसेंस के आवेदकों से पैसे वसूलने के लिए रत्न लाल मीणा अपने निजी एजेंटों का इस्तेमाल कर रहे हैं। मोटरसाइकिल मालिकों से 500 रुपए और कार मालिकों से 1000 रुपए की लूट उनके रोजमर्रा के कार्य का हिस्सा बन गई है। इस तरह से वह आसानी से प्रतिदिन 30-40 हजार रुपये कमा लेते हैं।

इस प्रकार का भ्रष्टाचार अब परिवहन विभाग में व्याप्त हो चुका है, जिसमें उच्चाधिकारियों की भी मिलीभगत है। यह केवल रत्न लाल मीणा की कहानी नहीं है; बल्कि ऐसी और भी कई कहानियाँ हैं जो इस विभाग में मौजूद भ्रष्टाचार को उजागर करती हैं। हाल ही में, मैंने दो आवेदकों को उनके एजेंट के माध्यम से लाइसेंस बनवाने के लिए भेजा। एक लड़का और एक लड़की अलग-अलग समय पर गए और दोनों से रत्न लाल मीणा ने 500-500 रुपए वसूल किए।

इस तरह के कई मामले हैं, जो यह स्पष्ट करते हैं कि विभाग के भीतर भ्रष्टाचार का जाल कितना गहरा है। विभागीय उच्चाधिकारियों की मिलीभगत के कारण यह और भी बढ़ गया है। अब समय आ गया है कि ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए कारवाई की जाए। सूची त्यागी, जो कि एसीएस परिवहन विभाग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, उनसे उम्मीद की जा रही है कि वह इस मामले की गंभीरता को समझेंगी और जांच का आदेश देंगी।

भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कदम उठाने का समय आ गया है। जांच में शामिल सभी अधिकारियों को सस्पेंड किया जाना चाहिए और जांच के बाद उचित कार्रवाई करनी चाहिए। यह आवश्यक है कि हमारी सरकार ऐसे भ्रष्टाचारियों को कठोर दंड दे, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह के अपराध करने की हिम्मत न कर सके। हनुमानगढ़ परिवहन विभाग में सुधार लाने के लिए सकारात्मक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

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