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किसी भी आपात स्थिति में डॉक्टर की सलाह अवश्य लें

 








*स्कूल जाने वाले बच्चों का गर्मी में रखें विशेष ध्यान रखें परिजन : डॉ. नवनीत शर्मा*


*- किसी भी आपात स्थिति में डॉक्टर की सलाह अवश्य लें*


हनुमानगढ़। जिले में गर्मी का प्रकोप शुरु हो गया है और दोपहर में लू भी चलनी शुरु हो गई है, जो शरीर के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। ऐसे में इसका सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों एवं बच्चों पर पड़ता है। स्कूल से वापिस आते समय बच्चों को गर्मी से अत्यधिक परेशान होना पड़ता है। ऐसे में बच्चों को गर्मी व लू से बचाने से लिए परिजनों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि  गर्मी के मौसम में बच्चों को अत्यधिक प्यास लगने लगती है। ऐसे में स्कूल जाते समय बच्चों को बच्चों को एक पानी की बोतल आवश्यक रूप से दें और उन्हें बताएं कि थोड़ी-थोड़ी देर बाद पानी पीते रहें, ताकि खुद को हाइड्रेट रख सकें। ध्यान रखें कि पानी अत्यधिक ठंडा ना हो, इससे सर्द-गर्म होने से बच्चे की तबीयत खराब हो सकती है। इसके साथ ही बच्चों एक छोटा सूती तौलिया भी देकर उन्हें समझाएं कि स्कूल में खेलते या कक्षा से बाहर निकलते समय अपनी गर्दन पर तौलिया गीला करके रखें और शरीर गर्मी से ठंडक पा सकें। इसके अलावा बच्चों के बैग में टोपी या छाता भी आवश्यक रूप से रखें ताकि घर से वापस आते समय वे धूप से बच सकें। बच्चों को समझाएं कि स्कूल से वापस आते समय ऐसी जगह से चलने से बचें, जहां सीधे धूप आ रही हो। अगर बच्चे स्कूल में किसी एक्टिविटी में हिस्सा ले रहे हैं, तो उनके बैग में एक ग्लूकोज का पैकेट या नींबू पानी की छोटी बोतल रख सकते हैं, ताकि एनर्जी के लिए वह इसे पी सकें।


डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि लू से बचाने के लिए बच्चों को ढीले कपड़े पहनाएं। इससे बच्चे को गर्मी से होने वाली चकत्ते और अधिक गर्मी से बचाने में मदद मिलेगी। कार में स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए ध्यान रखें कि कार में पर्याप्त वेंटीलेशन बना रहे, क्योंकि कई बार एसी बंद होने के बाद कार में घुटन होने लगती है। वहीं लू के दौरान कार भी अत्यधिक गर्म हो जाती है। गर्म मौसम में, बच्चों को ज्यादा देर तक बाहर खेलने न दें। जिम या घर पर व्यायाम करने वाले बच्चों को हैवी एक्सरसाइज न करने दें और बीच-बीच में ब्रेक लेने के लिए कहें। गर्मी में जरूरत से ज्यादा खेलने एवं व्यायाम करने पर डिहाइड्रेशन हो सकता है और बच्चे बेहोश हो सकते हैं।


डॉ. शर्मा ने कहा कि अगर बच्चे को प्यास लग रही है, पसीना आ रहा है, उसे गर्मी लग रही है या उल्टी हो रही है, मुंह सूखा और चिपचिपा है या  उसे सिर दर्द हो रहा है, तो बच्चे को जल्द ही डॉक्टर से चेकअप करवाएं। वहीं अगर बच्चा ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है, उसे तेज बुखार है, चक्कर आ रहा है या उसकी सांसें तेज चल रही हैं, तो उसे तुरंत अस्पताल लेकर जाएं। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति की जानकारी 01552-261190 पर दी जा सकती है।

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