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क्यूॅं न कहूॅं सच

बैजनाथ सागरमल बिहानी ट्रस्ट में फिर एक बार नया मोड़*

*बैजनाथ सागरमल बिहानी ट्रस्ट में फिर एक बार नया मोड़*





 मेन बाजार, हनुमानगढ़ जंक्शन स्थित बैजनाथ सागरमल बिहानी ट्रस्ट का मामला निर्णय के करीब पहुंचता जा रहा है| सागरमल अग्रवाल पुत्र बैजनाथ के वारिसों द्वारा जिस प्रकार धोखाधड़ी और जालसाजी से इस ट्रस्ट के ट्रस्टी बनने में कामयाबी प्राप्त की गई, उससे संबंधित दस्तावेज मेरे द्वारा उच्च न्यायालय में रिट याचिका 7017/2011 और अन्य संबंधित न्यायालयों में प्रस्तुत किए जा चुके हैं| सीजेएम कोर्ट हनुमानगढ़ द्वारा एफआईआर 8/2009 में दिनांक 28.8.24 को दिए गए फैसले से भी यह स्पष्ट हो चुका है कि सागरमल पुत्र जगन्नाथ जाति माहेश्वरी निवासी बांग्ला फाजिल्का के नाम से जारी पता कूटरचित नहीं है जबकि ट्रस्टी प्रेम प्रकाश बिहानी आदि सागरमल अग्रवाल पुत्र बैजनाथ जाति अग्रवाल निवासी मिंसराबाद बहावलपुर के वारिसान है| बिना किसी अधिकारी का के, मिथ्या आधारों पर ट्रस्ट पर काबिज होने और ट्रस्ट की भूमि का विधि विरुद्ध बेचान करने के आधार पर मुझे देवस्थान विभाग द्वारा ट्रस्टीयों के खिलाफ सिविल वाद दायर करने की अनुमति प्रदान की गई जिस पर मैंने प्रेम प्रकाश बिहानी आदि को ट्रस्टी के पद से हटाने और नए ट्रस्टी नियुक्त करने के लिए प्रार्थना पत्र जिला एवं सेशन न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया है जिस पर दर्ज प्रकरण 28/2024 की सुनवाई एडीजे-2 में की जा रही है| प्रकरण 28/2024 पर प्रेम प्रकाश बिहानी ने देवस्थान विभाग व मेरे खिलाफ रिट याचिका 15780/2024 प्रस्तुत कर उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त किया| इस प्रकार ट्रस्ट व ट्रस्ट की संपत्ति पर अब दो स्थगन आदेश जारी हो चुके हैं| मेरे द्वारा उच्च न्यायालय में रिट याचिका संख्या 7017/2011 व 15780/2024 में न्यायालय में जानबूझकर झूठ बोलने पर कानूनी कार्यवाही करने यानि 340 सीआरपीसी के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही करने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए जा चुके हैं जो विचाराधीन है| इन प्रार्थना पत्रों के निस्तारण से ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा| प्रेम प्रकाश बिहानी की ओर से दिनांक 11.10.2024 को मुझे जरिए अधिवक्ता संदीप शर्मा एक करोड़ का मानहानि का नोटिस देकर सात दिवस में लिखित माफी माँगने का कहा गया जिस पर मैंने निश्चित समय में प्रेम प्रकाश बिहानी वह अधिवक्ता संदीप शर्मा को समस्त दस्तावेज उपलब्ध करवा दिए जिनसे साबित होता है कि प्रेम प्रकाश आदि उसे सागरमल के वारिस नहीं है जिसे बीकानेर रियासत द्वारा भूमि आवंटित की गई थी| इसके उपरांत अधिवक्ता संदीप शर्मा व प्रेम प्रकाश बिहानी ने मानहानि के मामले से स्वयं को अलग कर लिया परंतु प्रेम प्रकाश बिहानी के भाई प्रकाश चंद्र बिहानी ने बिना कोई नोटिस दिए सिरसा न्यायालय में दिनांक 29.10.2024 को प्रकरण संख्या 962/2024 दर्ज करवाया जिसमें मुझे, पवन खत्री, चरणजीत सिंह सैनी व योगेश सोनी को 'ये फर्जी बंदे हैं' अथवा 'उस सागरमल बैजनाथ के वारिस नहीं है' आदि के शब्दों का प्रयोग न करने के लिए पाबंद करने व दर्ज मुकदमे का खर्चा दिलवाए जाने का निवेदन किया गया| इस प्रकरण को दर्ज करवाते समय प्रकाश चंद बिहानी द्वारा सिरसा न्यायालय से वास्तविकता को छुपाया गया जिसे मैं अपने जवाब में स्पष्ट करने वाली हूं| न्यायालय के समक्ष वास्तविकता आने के पश्चात न्यायालय द्वारा हमारे खिलाफ कोई आदेश पारित करने की संभावना न के बराबर है| कानून की थोड़ी बहुत भी जानकारी रखने वाला व्यक्ति मेरी इस पोस्ट को पढ़कर आसानी से समझ सकता है कि बैजनाथ सागरमल बिहानी ट्रस्ट में अब आगे क्या फैसला आने वाला है| मेरी इस पोस्ट का उद्देश्य आमजन को ठगी से बचाना है|

रीटा सोनी 9461677764

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