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- डॉ शिप्रा शर्मा पर गर्भवती महिलाओं को निजी क्लीनिक में भर्ती करने और मोटी रकम वसूलने का आरोप है

 - डॉ शिप्रा शर्मा पर डिग्री के विपरित कार्य करने का आरोप है 

 

- डॉ शिप्रा शर्मा पर गर्भवती महिलाओं को निजी क्लीनिक में भर्ती करने और मोटी रकम वसूलने का आरोप है


- प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में विश्वास कमजोर हो रहा है


क्या आपको लगता है कि डॉ शिप्रा शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर देना चाहिए?




हनुमानगढ़ जिला अस्पताल में कार्यरत डॉ शिप्रा शर्मा के खिलाफ हाल में उठे आरोपों ने स्वास्थ्य सेवा के प्रति जनता का विश्वास कमजोर कर दिया है। डॉ शर्मा पर आरोप है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के विपरीत कार्य कर रही हैं, जिससे न केवल अस्पताल की प्रतिष्ठा पर खतरा है, बल्कि गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को भी संकट में डाल रही हैं।

आरोपों के अनुसार, डॉ शिप्रा गर्भवती महिलाओं को उनकी निजी क्लिनिक में भर्ती करने के लिए प्रेरित कर रही हैं और इसके लिए मोटी रकम वसूल रही हैं। यह न केवल अनैतिक है, बल्कि कानून की धज्जियाँ उड़ाने के समान भी है। ऐसे आरोपों से यह सवाल उठता है कि क्या स्वास्थ्य सेवा की व्यवस्था में पारदर्शिता और नैतिकता बची है।

इस स्थिति में स्थानीय प्रशासन की चुप्पी और कार्रवाई की कमी भी चिंता का विषय है। जब लोग देखा कि प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है, तब उनके मन में सवाल उठता है कि क्या उनकी स्वास्थ्य सेवाएं सुरक्षित हैं। इससे साफ है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही कुछ कदम नहीं उठाए, तो यह स्वास्थ्य सेवाओं में जनता के विश्वास को और अधिक कमजोर करेगा।

अब यह आवश्यक हो गया है कि इस मामले में उच्चाधिकारियों द्वारा जांच की जाए और डॉ शर्मा के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए। क्या डॉ शिप्रा शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर देना चाहिए? यह सवाल अपने आप में बड़ा है, और इसका जवाब जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में निहित है।

अगर इसे रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो यह न केवल एक चिकित्सक की नैतिकता पर सवाल उठाएगा, बल्कि आने वाले समय में स्वास्थ्य सेवाओं पर जनता का विश्वास भी डगमगा सकता है। इसलिए, सभी नागरिकों को एकजुट होकर इस मामले की गंभीरता को समझना और उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।

यदि डॉ शर्मा के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की गई तो, यह स्वास्थ्य प्रणाली के लिए एक गंभीर झटका हो सकता है। यह एक ऐसा समय है जब स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चत करने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। जन स्वास्थ्य की दृष्टि से यह एक ऐसा मामला है जिस पर तुरंत विचार करने की आवश्यकता है।

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