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जीवन में बेहतर सफलता के लिए अनावश्यक सोशल मीडिया एवं मोबाइल से दूर रहे विद्यार्थी

 जीवन में बेहतर सफलता के लिए अनावश्यक सोशल मीडिया एवं मोबाइल से दूर रहे विद्यार्थी : जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव


- विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर टाउन स्थित एनएमपीजी कॉलेज में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन


- आत्महत्या के प्रति धारणा में बदलाव कार्यवाही हेतु आह्वान- 'बातचीत की शुरुआत करें की थीम पर होंगे जन-जागरुकता कार्यक्रम







हनुमानगढ़। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर राजकीय एनएमपीजी कॉलेज में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा विद्यार्थियों हेतु परिचर्चा कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य रूप से जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव ने विद्यार्थियों के बीच रहकर आपस में चर्चा की। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों से जीवन में आने वाली समस्याओं को दूर करने तथा तनाव मुक्त रहने हेतु आवश्यक टिप्स सांझा किये। इस दौरान माहौल बड़ा खुशनुमा रहा। जिला कलक्टर ने एक वक्ता की तरह ना बोलते हुए विद्यार्थियों के बीच बैठकर उनसे परिचर्चा की एवं उनकी समस्याओं को समझकर उनसे समाधान के उपाय भी विद्यार्थियों से साझा किये। कार्यक्रम में जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक राजकंवर, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) के जिला नोडल अधिकारी डॉ. ओपी सोलंकी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग उपनिदेशक विक्रमसिंह शेखावत, जिला खेल अधिकारी शमशेर सिंह, कॉलेज प्राचार्य रामपाल सिंह, अनमोल शर्मा, जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ से डीपीओ अंजू बाला एवं त्रिलोकेश्वर शर्मा उपस्थित रहे।


जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति का जीवन अमूल्य है एवं प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में हीरो है। हमें किसी को देखा-देखी अनुचित होड़ नहीं करनी चाहिए। साथ ही सोशल मीडिया पर भी सकारात्मक सामग्री देखनी चाहिए न की नकारात्मक विचारों वाले रील्स एवं वीडियो। अगर नकारात्मक चीजों को बार-बार देखा जाएगा, तो व्यक्ति की मानसिक स्थिति भी नकारात्मक हो जाती है। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को तनाव मुक्त रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने हेतु आवश्यक टिप्स भी बताएं। जिला कलेक्टर ने विद्यार्थियों को बताया की जीवन में बेहतर सफलता एवं तनाव मुक्त रहने हेतु अनावश्यक सोशल मीडिया एवं अत्यधिक मोबाइल के उपयोग से विद्यार्थी को बचना चाहिए एवं सोशल मीडिया की बजाय अपना समय लाइब्रेरी पुस्तकों समाचार पत्र इत्यादि में लगाना चाहिए।


सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने विद्यार्थियों को बताया की मानव जीवन अमूल्य है और हमे कभी भी जीवन में निराशा नहीं होना चाहिए। समस्या होने पर आपस में चर्चा कर समस्या को दूर किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने टेली मानस टोल फ्री नंबर हेल्पलाइन नंबर 18008914416, 14416 के के बारे में बताया तथा अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने खुद इस नंबर पर स्वयं की काउंसलिंग करवाई है। प्रत्येक व्यक्ति जो कि तनाव का जीवन जी रहा है उसको इस टोल फ्री नंबर पर काउंसलिंग करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बुधवार 10 सितंबर से आगामी एक माह तक आत्महत्या के प्रति धारणा में बदलाव कार्यवाही हेतु आह्वान- 'बातचीत की शुरुआत करेंÓ की थीम पर शिक्षण संस्थानों में परामर्श सत्रों के साथ जन-जागरुकता अभियान संचालित किए जाएंगे।


अन्य चिकित्सा संस्थानों पर भी आयोजित होंगे जनजागरुकता कैम्प

डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि आज बुधवार को सीएचसी पक्कासारणा में भी मानसिक जनजागरुकता एवं आत्महत्या रोकथाम जागरुकता कैम्प का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें डॉ. रिपुदमन द्वारा आमजन को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी। डॉ. शर्मा ने बताया कि 11 सितम्बर को राजकीय मेडिकल कॉलेज में डॉ. स्मिता यादव, 12 सितम्बर को सीएचसी रावतसर में डॉ. ओपी सोलंकी, 13 सितम्बर को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) में डॉ. स्मिता यादव, 15 सितम्बर को सीएचसी धोलीपाल में डॉ. लखनराज मीणा एवं 16 सितम्बर को गुरुसर में टाइम्स शिक्षा महाविद्यालय में डॉ. रिपुदमन सिंह द्वारा आत्महत्या रोकथाम जागरुकता कार्यशाला में आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा 'आईईसी हनुमानगढ़Ó नाम के सोशल मीडिया फेसबुक पेज एवं आइडी, इन्स्ट्राग्राम आइडी, एक्स (ट्वीटर) आईडी, व्हाट्सअप चैनल एवं यू-ट्यूब पर भी मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता संदेश प्रसारित किए जाएंगे।


डॉ. ओपी सोलंकी जिला नोडल अधिकारी राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम ने कार्यशाला के दौरान पीपीटी के माध्यम से आत्महत्या से जुड़े हुए मिथक उसके कारण, उसके लक्षण एवं कैसे इस से बचा जा सकता है इसके बारे में विस्तार से बताया। इस दौरान समाजसेविका सुचिता जैन ने बताया कि मानसिक तनाव एवं नशा अंतत: व्यक्ति को मृत्यु की तरफ ही लेकर जाता है। अगर हमें हमारे बीच में कोई इस प्रकार का व्यक्ति मिले तो हमें उसको अकेला नहीं छोड़ते हुए हमारे बीच में रखकर उसकी मनोदशा को समझते हुए सकारात्मकता की तरफ लाना चाहिए ताकि किसी के जीवन को बचाया जा सके। मुख्य अतिथियों ने छात्र-छात्राओं द्वारा बनाई गई मनमोहक पेंटिंग प्रतियागिता का भी अवलोकन किया।

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