हनुमानगढ़ में मानस अभियान की सफलता,508 युवाओं को नशें से बचाया
हनुमानगढ़ में राज्य सरकार के निर्देशाअनुसार और जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव के निर्देशन में मानस अभियान ने एक नई दिशा दी है, जहाँ स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से हजारों लोगों का जीवन बेहतर हुआ है। सीएमएचओ डॉ.नवनीत शर्मा , ने जिले में शुरू किए गए इस अभियान के उद्देश्यों और उपलब्धियों का विस्तृत वर्णन किया। 2024 से लेकर 31 जुलाई 2025 तक 239 कैंप लगाकर 8,809 पेशेंट को देखा गया है, जो इस अभियान की सफलता की कहानी है।
इस अभियान से प्राप्त आंकड़े हैंरान करने वाले हैं। 5,133 मरीज नशे की समस्या से ग्रसित पाए गए, जिनमें से 1,322 मरीजों ने नशा छोड़ने की इच्छा व्यक्त की। यह आंकड़े समाज के एक बड़े हिस्से की वास्तविकता को उजागर करते हैं, खासकर हनुमानगढ़ जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में। यहाँ युवाओं में नशे का चलन बढ़ा हुआ है, और इस अभियान ने उन चुनौतियों का सामना करने का मजबूत प्रयास किया है।
इसमें सबसे प्रेरणादायक बात यह है कि 508 रोगियों ने नशा छोड़ने में सफलता प्राप्त की है। यह सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि जिंदगी में बदलाव का संकेत हैं। स्थानीय निवासियों ने डाॅक्टर नवनीत शर्मा और उनकी टीम की सराहना की है, जो कि ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा दे रही हैं, जिससे समग्र स्वास्थ्य में सुधार आ रहा है।
मानस अभियान को सफल बताना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। इसने लगभग 500 परिवारों की जिंदगी को न केवल प्रभावित किया है बल्कि उन्हें एक नई राह भी दिखाई है। लोग इस अभियान की सराहना कर रहे हैं और मान रहे हैं कि अगर इसी तरह के प्रयास जारी रहे, तो न केवल नशा बल्कि कई अन्य सामाजिक समस्याओं को भी कम किया जा सकता है।
यह अभियान हम सभी के लिए एक सीख है - कि सामूहिक प्रयासों से हम न केवल अपनी पहचान को सुरक्षित कर सकते हैं, बल्कि युवा पीढ़ी को भी नशे के जंजाल से बचा सकते हैं। हनुमानगढ़ में स्वास्थ्य विभाग का यह कदम तात्कालिक प्रतीत होता है, लेकिन इसके दूरगामी नतीजे समाज में बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं। संस्कृति और स्वास्थ्य सुरक्षा को एक नए मोड़ पर लाने वाला यह अभियान, निश्चित तौर पर प्रदेश में एक मिसाल बनेगा।
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