नोहर-भादरा में एक हॉस्पीटल एवं तीन जांच लैब का औचक निरीक्षण, कमियां मिलने पर सभी को बंद करने के दिए निर्देश
- क्लिनिक्ल एस्टेब्लेशिमेन्ट एक्ट में पंजीयन के बगैर किया जा रहा था संचालन
हनुमानगढ़। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार 25 अगस्त को भादरा में संचालित एक हॉस्पीटल का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण की कार्यवाही में हॉस्पीटल ने क्लिनिक्ल एस्टेब्लेशिमेन्ट एक्ट के तहत रजिस्टे्रशन नहीं करवाया था। हॉस्पीटल की जांच के दौरान अनेक अव्यवस्थाएं पाए जाने पर उसे बंद करने की कार्यवाही की गई। इसके अलावा भादरा में एक एवं नोहर में दो जांच लैब (जांच केन्द्रों) का भी निरीक्षण किया गया। एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने पर तीनों जांच लैब को भी बंद करने के निर्देश दिए गए। निरीक्षण दल में आरसीएचओ डॉ. सुनील विद्यार्थी एवं डीआईओ जसविन्द्र बराड़ उपस्थित रहे।
सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि जिले में समस्त जांच/लैब संचालकों को समय-समय पर समाचार पत्रों एवं अन्य माध्यमों से सूचना दी जाती है कि क्लिनिक्ल एस्टेब्लेशिमेन्ट एक्ट के तहत रजिस्टे्रशन करवाना अत्यंत आवश्यक है। इसी के तहत सोमवार को निरीक्षण दल ने भादरा में संचालित रिद्धि-सिद्धि चाइल्ड एंड मल्टीस्पैशलिटी हॉस्पीटल का औचक निरीक्षण किया। दस्तावेजों की जांच में पता लगा कि हॉस्पीटल ने क्लिनिक्ल एस्टेब्लेशिमेन्ट एक्ट के तहत अभी तक रजिस्टे्रशन नहीं करवाया था। हॉस्पीटल में सेवाएं दे रहे डॉ. दीपक शर्मा भी मौके पर नहीं मिले तथा स्टाफ को भी उनके आने-जाने के संबंध में कोई जानकारी नहीं थी। इसके अलावा हॉस्पीटल में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ भी अनुपस्थित मिले। हॉस्पीटल में संचालित जांच में भी अनेक अव्यवस्थाएं मिली। बायोमेडिकल वेस्ट भी काफी मात्रा में एकत्र मिला, जिसका निस्तारण नहीं किया जा रहा था। निरीक्षण दल ने हॉस्पीटल प्रशासन को दस्तावेज जमा करवाने एवं एक्ट के तहत पंजीयन करवाने तक हॉस्पीटल बंद करने के आदेश दिए।
इसके उपरांत निरीक्षण दल ने नोहर के न्यू बीकानेर लैबोरेट्री की जांच की। न्यू बीकानेर लैबोरेट्री पर मिले कार्मिक ने बताया कि वह लैबोरेट्री का संचालन करता है, लेकिन वह कोई डिग्री या डिप्लोमा मौके पर प्रस्तुत नहीं कर पाया। जांच में सामने आया कि लैबोरेट्री का एक्ट के तहत रजिस्टे्रशन भी नहीं करवाया गया है। इसके अलावा बायोमेडिकल वेस्ट का सही प्रकार से निस्तारण एवं फायर सिस्टम की एनओसी भी प्रस्तुत कर सका। संस्थान पर की जा रही जांचों की रिकार्ड भी सही प्रकार से संधारित किया जा रहा था। जांच लैब में निर्धारित न्यूनतम मानकों की पूर्ति न होने के कारण जांच लैब के संचालन को तुरन्त प्रभाव से बंद करवाया गया। इसके बाद नोहर की रिद्ध लैब एण्ड एक्स-रे सेंटर का भी निरीक्षण किया गया। संचालक ने क्लिनिक्ल एस्टेब्लेशिमेन्ट एक्ट के तहत लैब का रजिस्टे्रशन नहीं करवाया था। इसके अलावा उसके पास एक्स-रे करने के लिए मशीन उपलब्ध नहीं थी एवं ना ही रेडियोलॉजिस्ट के दस्तावेज प्रस्तुत कर पाया। बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण भी सही प्रकार से नहीं किया जा रहा था। लैब में की गई जांचों का भी सही प्रकार से रजिस्टर मैंटेंन किया जा रहा था। लैब में कमियों को देखते हुए उसे एक्ट के तहत पंजीकरण करवाने तक लैब का संचालन बंद करने के निर्देश दिए गए। सभी संचालकों को निर्देश दिए गए कि उक्त हॉस्पीटल एवं लैब जांच केन्द्र द्वारा बिना पंजीयन के कार्य किया जाता है, तो उनके खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।
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