क्लिनिक्ल एस्टेब्लेशिमेन्ट एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन ना होने पर मेडीकेयर डायग्नोस्टिक लैबोरेट्री पर लगा ताला
- डॉक्टर की अनुपस्थिति में कार्मिकों द्वारा 12 सैम्पल लेने पर सीआरएल लैब को दिया नोटिस
हनुमानगढ़। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने हनुमानगढ़ टाउन ने बुधवार दोपहर दो जांच लैब एवं एक मेडिकल स्टोर का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण की कार्यवाही में एक जांच लैब को पर अनेक अव्यवस्थाएं पाई गई। क्लिनिक्ल एस्टेब्लेशिमेन्ट एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन ना होने, अन्य दस्तावेज के ना होने एवं मानकों के अनुरुप कार्य ना करने पर एक संस्थान को मौके पर ही संस्थान बंद करने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा एक अन्य जांच लैब एवं एक मेडिकल स्टोर का निरीक्षण किया गया।
सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि बुधवार 3 सितम्बर को आरसीएचओ डॉ. सुनील विद्यार्थी ने हनुमानगढ़ टाउन स्थित मेडीकेयर डायग्नोस्टिक लैबारेट्री का औचक निरीक्षण किया। संस्थान के दस्तावेजों की जांच करने पर लैब संचालक जरनैल ङ्क्षसह ने बताया कि उन्होंने अभी तक क्लिनिक्ल एस्टेब्लेशिमेन्ट एक्ट के तहत रजिस्टे्रशन नहीं करवाया है। संस्थान पर लैब टैक्नीशियन सुदेश ढाका मिले, जिन्होंने राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल से डीएमएलटी किया हुआ था। लैब द्वारा बायोमेडिकल वेस्ट का संधारण सहीं प्रकार नहीं किया जा रहा था। संस्थान द्वारा पाल्यूशन सर्टीफिकेट भी नहीं लिया हुआ था। जांच लैब में निर्धारित न्यूनतम मानकों की पूर्ति न होने के कारण जांच लैब के संचालन को तुरन्त प्रभाव से बंद करवाया गया। संचालक को पाबंद किया गया कि जब तक उक्त जांच लैब निर्धारित न्यूनतम मानको की पूर्ति नहीं करते है, तब तक इनका संचालन बंद रहेगा। यदि उक्त लैब/जांच केन्द्र द्वारा बिना पंजीयन के कार्य किया जाता है, तो उनके खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।
इसके अलावा निरीक्षण दल ने टाउन में ही सीआरएल डायग्नोस्टिक का निरीक्षण किया। संस्थान ने क्लिनिक्ल एस्टेब्लेशिमेन्ट एक्ट के तहत रजिस्टे्रशन करवाया हुआ था। संस्थान संचालक मौके पर उपस्थित नहीं मिले, जो बाहर गए हुए थे। जांच में पाया गया संचालक और पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर दोनों ही अनुपस्थित थे। दोनों की उपस्थिति में अन्य कार्मिकों द्वारा 12 लोगों की जांच के सैम्पल लिए गए थे। डॉक्टर की अनुपस्थिति में सैल्पल लेने के लिए संस्थान को नोटिस दिए गए हैं। इससे पूर्व मै. किसान मेडिकल स्टोर की भी जांच की गई। संस्थान पर डॉक्टर की पर्ची पर फिजियोथेरेपिस्ट का कार्य करना पाया गया, लेकिन इस कार्य में कोई दवा नहीं दी जाती है। जांच में पाया गया कि मेडिकल स्टोर पर डॉक्टर की पर्ची पर दवा दी जाती है, वहां कोई भी प्रैक्ट्सि करता हुआ नहीं पाया गया।
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