नवजात को छ: माह तक केवल मां का दूध देना जरूरी : डॉ. नवनीत शर्मा
- जारी है स्तनपान जागरूकता सप्ताह, स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित हो रहे जागरूकता कार्यक्रम
हनुमानगढ़। स्तनपान के प्रति जन-जागरूकता लाने के म$कसद से अगस्त माह के प्रथम सप्ताह को पूरे विश्व में स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। इसी कड़ी में जिले में भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने स्तनपान जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। इस दौरान मां के दूध के महत्व की जानकारी देने के साथ ही जागरूकता पैदा करते हुए शिशुओं को जन्म से छ: माह तक केवल मां का दूध पिलाने के लिए ही महिलाओं को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह, विश्वभर के बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार और स्तनपान कराने को प्रोत्साहित करने के लिए एक अगस्त से सात अगस्त तक मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है। मां का दूध, बच्चे के सम्पूर्ण विकास के लिए पोषण का सबसे अच्छा स्रोत है। प्रत्येक मां को स्तनपान कराने की तकनीकों जैसे कि स्तनपान कैसे कराएं? और स्तनपान कब कराना चाहिए? तथा स्तनपान से संबंधित अन्य पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि नवजात शिशु के लिए कोलोस्ट्रम, पीला, गाढ़ा दूध संपूर्ण आहार है। जन्म के तुरंत बाद, एक घंटे के भीतर ही स्तनपान शुरू किया जाना चाहिए। स्तनपान कराने के दौरान, धूम्रपान अथवा शराब का सेवन न करें। यह बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है। बच्चे को उसकी आवश्यकता के अनुसार अथवा चौबीस घंटों में आठ बार स्तनपान अवश्य करवाना चाहिए। बच्चे के लिए बोतल से दूध पीना हानिकारक हो सकता है, क्योंकि इससे शिशु को पतले दस्त/मल होने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा विभाग के 'आईईसी हनुमानगढ़Ó के टिवटर, फेसबुक एवं व्हाट्सअप चैनल पर भी स्तनपान से संंबंधित संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं।
शिशु के लिए स्तनपान के लाभ
शिशु को स्तनपान से प्रोटीन, वसा, कैलोरी, लैक्टोज, विटामिन, लोहा, खनिज, पानी और आवश्यक एंजाइम पर्याप्त मात्रा में प्राप्त होते है। स्तन का दूध जल्दी और आसानी से पचता हैं। यह बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है, जो कि बच्चे को भविष्य में कई प्रकार के संक्रमणों से भी बचाता हैं। यह बच्चे के मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है। यह संक्रमण से मुक्त होता हैं। स्तनपान बच्चे और मां के बीच भावनात्मक संबंध को मजबूत बनाता है।
मां लिए स्तनपान के लाभ
यह स्तन और डिम्बग्रंथि के कैंसर होने की संभावना को कम करता है। यह प्रसव से पहले खून बहना और एनीमिया की संभावना को कम करता है। यह माँ को अपनी पुरानी शारीरिक संरचना प्राप्त करने में सहायता करता हैं। स्तनपान कराने वाली माताओं के बीच मोटापा सामान्यत: कम पाया जाता है। स्तनपान कराना, बच्चों में मृत्यु/मृत्यु दर को कम करता है। स्तनपान करने वाले बच्चों में उत्कृष्ट प्रतिरक्षा प्रणाली का विकास होता हैं तथा वे कई प्रकार की घातक की बीमारियों की रोकथाम में सक्षम बनते है।
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