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हनुमानगढ़ की दो जांच लैब का औचक निरीक्षण

 *हनुमानगढ़ की दो जांच लैब का औचक निरीक्षण, कमियां मिलने पर एक को लगाया ताला, दूसरे को दस्तावेज जमा करवाने के लिए किया पाबंद*








हनुमानगढ़। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने हनुमानगढ़ के दो लैब (जांच केन्द्रों) का गत दिवस आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण की कार्यवाही में दोनों जांच लैब में अनेक अव्यवस्थाएं पाई गई। सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा के निर्देशन में गत शुक्रवार को की गई कार्यवाही में एक जांच लैब को तुरंत प्रभाव से बंद करने के आदेश दिए गए। इसके अलावा दूसरी निरीक्षण की कार्रवाई में जांच केन्द्र कई दस्तावेज मौके पर प्रस्तुत नहीं कर पाया। उसे भी समस्त दस्तावेज कार्यालय में जमा करवाने के निर्देश दिए गए।


सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि जिले में समस्त जांच/लैब संचालकों को समय-समय पर समाचार पत्रों एवं अन्य माध्यमों से सूचना दी जाती है कि क्लिनिक्ल एस्टेब्लेशिमेन्ट एक्ट के तहत रजिस्टे्रशन करवाना अत्यंत आवश्यक है। इसी के तहत शुक्रवार 23 मई को हनुमानगढ़ में दो जांच लैब का औचक निरीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि हनुमानगढ़ जंक्शन स्थित यूके लैब एवं विनायक डायग्नोस्टिक लैब की जांच की गई। डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि यूके लैब की जांच में वहां कोई चिकित्सक नहीं मिला। लैब पर उपस्थित कार्मिक प्रीतपाल सिंह ने बताया कि फर्म के मालिक भूपेन्द्र सिंह हैं, जो मौजूद नहीं है। जांच में पता चला कि इस लैब एक कलेक्शन सेंटर है, जहां पर कई कम्पनियों का प्री-पॉलिसी चैकअप किया जाता है, जो श्रीगंगानगर में डॉ. हरीश गुप्ता द्वारा किया जाता है। लैब की जांच में वहां ईसीजी मशीन, पेशेंंट बैड, एनालाइजर एवं सीबीसी मशीन पाई गई। उसने बताया कि लैब से निकला कचरा नगरपालिका की गाड़ी में डाल दिया जाता है। कार्मिक प्रीतपाल सिंह ने बताया कि उसके पास कोई लैब टैक्नीशियन की डिग्री नहीं है। लैब का पंजीयन भी क्लीनिकल एस्टेब्लेशिमेन्ट एक्ट के तहत नहीं करवाया गया था। जांच लैब में निर्धारित न्यूनतम मानकों की पूर्ति न होने के कारण जांच लैब के संचालन को तुरन्त प्रभाव से बंद करवाया गया। डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि जब तक उक्त जांच लैब निर्धारित न्यूनतम मानको की पूर्ति नहीं करते है, तब तक इनका संचालन बंद रहेगा। यदि उक्त लैब/जांच केन्द्र द्वारा बिना पंजीयन के कार्य किया जाता है, तो उनके खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।


डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया इसके उपरांत विनायक डायग्नोस्टिक लैब की व्यवस्थाओं एवं दस्तावेजों की जांच की गई। लैब के संचालक कृष्णदेव शर्मा एवं लैब टैक्नीशियन संदीप कुमार ने अपने शैक्षणिक दस्तावेज दिखाएं। लैब में बायोकैमिस्ट्री एवं सीबीसी मशीन पाई गई। पेशेण्ट रजिस्टर की जांच में शुक्रवार को 8 जांचों की एंट्री पाई गई। लैब का बायोवेस्ट सर्टीफिकेट सही था, परंतु बायोवेस्ट का निस्तारण सही ढंग से नहीं हो रहा था एवं साफ-सफाई भी ठीक नहीं थी। लैब का फायर एनओसी एक्सपायर मिला। लैब संचालक को बकाया समस्त दस्तावेज सीएमएचओ कार्यालय में जल्द से जल्द जमा करवाने के निर्देश दिए गए। सीएमएचओ कार्यालय से डीपीसी अनीश गांधी एवं डीईओ जसविन्द्र बराड़ ने दोनों जांच लैब का निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की।

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