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फलों एवं सब्जियों में मिलवट के खिलाफ शुरु हुए अभियान के तहत लिए 14 सैम्पल, 30 तक चलेगा विशेष अभियान

 *फलों एवं सब्जियों की खरीदने एवं सेवन से पूर्व विशेष सावधानियां बरतें : डॉ. नवनीत शर्मा*











*- फलों एवं सब्जियों में मिलवट के खिलाफ शुरु हुए अभियान के तहत लिए 14 सैम्पल, 30 तक चलेगा विशेष अभियान 

 हनुमानगढ़। फलों एवं सब्जियों को कृत्रिम रूप से पकाने या संरक्षण के लिए अनसेफ एवं नौन परमिटेड रसायनों का उपयोग किया जा रहा है। इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा 24 से 30 मई तक फलों एवं सब्जियों में मिलावट के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने अभियान के तहत स्वयं उपस्थित रहकर सैम्पलिंग की कार्यवाही करवाई। खाद्य सुरक्षा दल ने सोमवार को 14 सैम्पल संग्रहित किए गए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा आमजन को फलों एवं सब्जियों की खरीदने एवं सेवन से पूर्व विशेष सावधानियां बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं। 


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि फलों एवं सब्जियों को कृत्रिम रूप से पकाने या संरक्षण करने के लिए अनसेफ एवं नॉन परमिटेड रसायनों का उपयोग किया जा रहा है। डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रयोगशाला परीक्षणों में पाया गया है कि आम, केला, तरबूज, खरबूजा, अंगूर, सेब सहित अन्य कई फलों एवं सब्जियों को कृत्रिम रूप से पकाया जा रहा है। आम, केला, चीकू, पपीता, तरबूज, खरबूजा सहित अन्य फलों को पकाने में कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग किया जा रहा है। वहीं, तरबूत एवं खरबूजे की जांच में सिन्थेटिक डाई या रासायनिक संरक्षक पाए गए हैं। इसके अलावा अंगूर एवं सेब पर अत्यधिक वैक्स कोटिंग, स्टिकर में गोंद का पाया जाना या कीटनाशक अवशेष मौजूद हो सकते हैं। इसी प्रकार सब्जियों को भी अप्राकृतिक रूप से पकाकर आमजन को बेचा जा रहा है। फलों एवं सब्जियों में मिलावट के खिलाफ चिकित्सा विभाग द्वारा 24 से 30 मई तक विशेष अभियान शुरु किया गया है, जिसमें मिलावट करने वाले विक्रेताओं पर कार्रवाई की जाएगी। अभियान के तहत एफएसओ सुदेश कुमार गर्ग एवं एफएसओ रफीक खान ने 14 सैम्पल संग्रहित किए। इनमें मे. रामदेव फ्रूट कम्पनी के गोदाम से केला, आम, पपीता एवं चीकू के सैम्पल संग्रहित किए गए। इसके बाद मै. सतगुरु फ्रूट स्टोर से आम, पपीता केला एवं मै. बालाजी फू्रटस के गोदाम से केले के डबल-डबल सैम्पल संग्रहित कर जांच के लिए बीकानेर स्थित जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला में भिजवाया गया है। जांच टीम में एमएफटीएल स्टाफ सुभाष कुमार, पवन कुमार, वाहन चालक निहालसिंह एवं गुरशरण सिंह उपस्थित रहे। 


*कैल्शियम कार्बाइड से पका फल बच्चों, बुजुर्गों एवं गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक :* कैल्शियम कार्बाइड एक कैमिकल है, जो आमतौर पर फैक्ट्रियों में इस्तेमाल होता है। कुछ लोग इसका इस्तेमाल आम, केला, चीकू, पपीता, तरबूज, खरबूजा सहित अन्य फलों को जल्दी पकाने के लिए करते हैं। ऐसे फल बाहर से पके हुए लगते हैं, लेकिन अंदर से कच्चे रह सकते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदायक हैं। भारत सरकार ने फलों को पकाने में कैल्शियम कार्बाइड के इस्तेमाल पर रोक लगा रखी है। इससे फलों में नेचुरल मिठास और पोषण की मात्रा कम होती है। साथ ही यह पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं। लंबे समय तक इन्हें खाने से कैंसर, मुंह में छाले, तंत्रिका संबंधी समस्याएं, गैस, एसिडिटी और लिवर डिसऑर्डर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। खासकर बच्चों, बुजुर्गोंे और गर्भवती महिलाओं के लिए ये आम ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं। इसी तरह तरबूज को लाल दिखाने के लिए उसमें इन्जेक्शन की सहायता से लाल रंग डाल दिया जाता है, यह लाल रंग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। 


*फलों पर लगे स्टिकर की गोंद एवं वैक्स की कोटिंग में खतरनाक कैमिकल :* डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने स्टिकर लगे फल को सेहत के लिए खतरनाक माना है, क्योंकि स्टिकर की गोंद में खतरनाक कैमिकल मौजूद होते है। इसके अलावा फल पर वैक्स की कोटिंग (मोम) को भी सेहत के लिए खतरनाक है। उन्होंने बताया कि सेब पर वैक्स की कोटिंग से चमक आ जाती है। इसके बाद व्यापारी सेब पर ब्रांड का स्टिकर लगाकर महंगे दामों पर बेचते हैं। बाजार में दो प्रकार के वैक्स आते हैं। इसमें एक प्रतिबंधित है, जिसका नाम पैराफिन वैक्स है। इसके खाने से कैंसर, लिवर और किडनी बीमारी हो सकती है। अंगूर को लंबे समय तक खराब होने से बचाने के लिए इसे कैमिकल से भरे टब में डुबोया जाता हैं। इससे अंगूर लंबे समय तक ताजा रहते हैं। इससे अंगूरों में कीड़े नहीं लगते और ये सड़ते नहीं है। अगर इन अंगूरों को सही तरीके से ना धोया जाए और इसे खा लें तो कैंसर जैसी बीमारी को न्योता दिया जा सकता है। इससे बचाव के लिए एक बर्तन में गुनगुना पानी लेकर उसमें बेकिंग पाउडर मिलायें। इसके बाद इस घोल में सेब या अंगूर को डालें। इससे सारे पेस्टीसाइड और कैमिकल निकल जायेंगे। 


*आमजन सेहत का रखें ख्याल :* डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि आमजन केवल लाइसेंसधारी या विश्वसनीय विक्रेताओं से ही फल एवं सब्जियां खरीदें। फल एवं सब्जी को उपयोग करने से पूर्व अच्छी तरह से हाथों से मसल कर धो लें। अत्यधिक चमकदार छिलके या अत्यधिक एकसमान पके हुए फलों को खरीदने से परहेज करें। संदेहास्पद मामलों की सूचना व्हाट्सअप नम्बर 94628-19999 अथवा जिला कंट्रोल रूम 01552-261190 पर दें। डॉ. शर्मा ने बताया कि अनसेफ खाद्य पदार्थों के विरुद्ध एफएसएस अधिनियम की धारा 59 एवं संबंधित प्रावधानों के अंतर्गत सख्त कार्रवाई की जाएगी। 


*रेहड़ी संचालकों को रजिस्ट्रेशन के बाद कार्य शुरु करने के लिए किया पाबंद*


रावतसर। रविवार को रावतसर नगरपालिका मैदान के सामने लगी रेहडिय़ों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान तीन रेहडिय़ों में आमजन को परोसे जा रहे पानी पतासे एवं चाऊमीन वाले स्टॉल संचालकों द्वारा साफ-सफाई नहीं की गई थी। जांच करने पर पता चला कि उन्होंने एफएसएसएआई के तहत रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवाया था। ऐसे में लापरवाही बरतने पर उन्हें नगरपालिका मैदान से कार्य बंद कर रजिस्ट्रेशन के बाद ही कार्य शुरु करने के लिए पाबंद किया गया।

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