हनुमानगढ़ में व्यापारियों का आंदोलन
हनुमानगढ़ शहर की सड़कों पर व्यापारियों का आक्रोश स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। सीवरेज डालने के बाद सड़कों का निर्माण न होने की स्थिति ने व्यापारियों को आंदोलित कर दिया है। व्यापारियों ने संगरिया मुख्य मार्ग पर जाम लगाकर अपनी नाराजगी जाहिर की।
भगत सिंह चौक से संगरिया जाने वाली सड़क पर जबर्दस्त स्थिति उत्पन्न हो गई। इस जाम में व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर हिस्सा लिया, ताकि प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया जा सके। व्यापारियों की भरी हुई भीड़ ने तेज आवाज में अपने हक की आवाज उठाई।
इससे पहले व्यापारियों ने कई बार प्रशासन को ज्ञापन सौंपा, लेकिन उनकी मांगों पर कोई सार्थक कार्रवाई नहीं हुई। जिला कलेक्टर और नगर परिषद के उच्चाधिकारियों द्वारा सड़क निर्माण की इच्छाशक्ति व्यक्त की गई है, लेकिन नगर परिषद के जेईएन और एईएन की भ्रष्ट गतिविधियों के कारण यह काम रुक गया है।
व्यापारियों का आरोप है कि नगर परिषद के कुछ कर्मचारी सिर्फ अपने फायदे के लिए काम कर रहे हैं, जो कि जनता की परेशानियों की कोई परवाह नहीं करते। वे अपनी दुकानदारी बनाए रखने के लिए विकास कार्यों में रुकावट डाल रहे हैं। आक्रोशित जनता ने यह भी कहा कि उच्चाधिकारियों की अनदेखी के चलते यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
इन व्यापारियों की मांग है कि भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया जाए और नगर परिषद के कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। जब तक उनकी आवाज़ पर ध्यान नहीं दिया जाता, वे इस तरह के आंदोलनों को जारी रखेंगे। यह आंदोलन सिर्फ व्यापारियों का नहीं, बल्कि समस्त जनता का है, जो अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही है।
हनुमानगढ़ में यह स्थिति स्पष्ट दर्शाती है कि यदि प्रशासन इस समस्या का समाधान नहीं करता है, तो हालात बिगड़ते जाएंगे। व्यापारियों की एकजुटता और संघर्ष एक नई चेतना का संचार कर सकता है, जो कि भ्रष्टाचार और विकास में रुकावट डालने वालों के खिलाफ एक मजबूत मुहिम के रूप में उभर सकता है।
व्यापारी समाज का यह ताजा आंदोलन नगर परिषद के कर्मचारियों के खिलाफ उठाए गए सवालों को भी उजागर करता है, जिन्हें सुधरने और जिम्मेदार बनने की आवश्यकता है। समय रहते यदि प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले दिनों में यह और भी गंभीर रूप ले सकता है।





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