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अतिवृष्टि और घग्घर में संभावित अधिक पानी की आवक प्रशासन अलर्ट

 *अतिवृष्टि और घग्घर में संभावित अधिक पानी की आवक के चलते प्रशासन अलर्ट, आमजन से सतर्क रहने की अपील*


*जिला कलेक्टर, एसपी और एडीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी*







हनुमानगढ़, 1 सितंबर। जिले में अतिवृष्टि और घग्घर नदी में संभावित अधिक पानी की आवक की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट पर है। सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव, पुलिस अधीक्षक हरी शंकर और एडीएम उम्मेदीलाल मीना, रेगुलेशन अधीक्षण अभियंता रामा किशन ने पत्रकारों के माध्यम से आमजन को संदेश दिया कि घबराने की जरूरत नहीं है, अभी स्थिति पूरी तरह सामान्य है। प्रशासन पूरी तैयारी में है और किसी भी आपदा से निपटने की क्षमता रखता है।


जिला कलेक्टर डॉ. यादव ने बताया कि पूरे नॉर्थ इंडिया में अतिवृष्टि की स्थिति है, विशेष रूप से पंजाब में हालात गंभीर हैं। घग्घर में पानी की आवक पर लगातार पैनी नजर रखी जा रही है। जरूरत पड़ने पर पानी को इंदिरा गांधी नहर में शिफ्ट करने की व्यवस्था तैयार है, हालांकि उम्मीद है कि ऐसी स्थिति नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि शहर में पानी निकासी के लिए 10 पॉइंट चिन्हित किए गए हैं और कार्य शुरू हो चुका है। सरकारी महकमों के अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और 24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।


डॉ. यादव ने जनता से अपील की कि वे पैनिक न हों, बल्कि प्रशासन के प्रयासों में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि यदि मकान में दरारें आ गई हैं या सुरक्षित नहीं लग रहा, तो व्यक्ति स्वयं को जोखिम में न डाले और सुरक्षित स्थान पर चले जाए। साथ ही आवश्यक दवाइयां, कागजात और जरूरी सामान तैयार रखें ताकि विपरीत परिस्थितियों में तुरंत सुरक्षित स्थल पर जा सकें।


एसपी हरी शंकर ने बताया कि पुलिस और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद हैं। एसडीआरएफ की एक टीम हनुमानगढ़ पहुंच चुकी है और दूसरी टीम मुख्यालय से बुलाने का अनुरोध किया गया है। गोगामेड़ी मेले में तैनात जाब्ता भी शीघ्र ही यहां शिफ्ट कर दिया जाएगा। पुलिस थानों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।


एडीएम उम्मेदीलाल मीना ने कहा कि जनप्रतिनिधियों, मीडिया और आमजन का सहयोग प्रशंसनीय है। उन्होंने जानकारी दी कि जो लोग स्वयंसेवक के रूप में योगदान देना चाहते हैं, उनके लिए गूगल फॉर्म जारी किया गया है। साथ ही अस्थायी आश्रय स्थलों की तैयारी कर ली गई है, ताकि जरूरत पड़ने पर प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा सके।


प्रेस कॉन्फ्रेंस में आंकड़े जारी करते हुए बताया गया कि वर्तमान में गुलाचिका पर 42,342 क्यूसेक, खनोरी पर 10,700, चांदपुर पर 12,500 तथा ओटू हेड से 17,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। घग्घर साइफन पर 16,930 क्यूसेक पानी प्रवाहित हो रहा है। नाली बेड में 5,000 और जीडीसी पर 11,500 क्यूसेक पानी बह रहा है।


जिले में घग्घर क्षेत्र के संवेदनशील और अति संवेदनशील क्षेत्रों का चिह्निकरण किया गया है। हनुमानगढ़ में 13, पीलीबंगा में 5 और टिब्बी में 15 क्षेत्रों को इस श्रेणी में रखा गया है। आपदा प्रबंधन की तैयारी के तहत हनुमानगढ़ शहरी क्षेत्र में 45, ग्रामीण क्षेत्र में 116, पीलीबंगा में 18 और टिब्बी में 38 आश्रय स्थल चिन्हित किए गए हैं।


आमजन की सुविधा के लिए जिला नियंत्रण कक्ष 01552-260299 और व्हाट्सएप नंबर 82094-05037 जारी किए गए हैं। इनपर आमजन किसी भी जानकारी साझा कर सकता है। 

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