भीम गौ रक्षा दल श्रीगंगानगर की तत्परता से गोवंशों को मिला नया जीवन
गौसेवा का एक और प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया भीम गौ रक्षा दल ने।
ब्यूरो रिपोर्ट महेंद्र शर्मा
श्रीगंगानगर। भीम गौ रक्षा दल श्रीगंगानगर और महादेव गौ रक्षा दल को विश्वसनीय सूत्रों से सूचना मिली कि पंजाब के मुक्तसर (मलोट) से दो ट्रकों में बड़ी संख्या में गोवंशों को ठूंस-ठूंस कर भरा गया है और उन्हें श्रीगंगानगर की ओर लाया जा रहा है। जानकारी मिलते ही भीम गौ रक्षा दल की टीम सक्रिय हो गई और त्वरित कार्रवाई करते हुए 5 चक के पास दोनों ट्रकों को रोक लिया गया।
टीम द्वारा जब इन ट्रकों की जांच की गई तो पाया गया कि ट्रकों में लगभग 50 गोवंशों को बेहद अमानवीय और क्रूर तरीके से रखा गया था। पशु इतने अधिक भरे गए थे कि उन्हें सांस लेने तक में तकलीफ हो रही थी। स्थिति को देखते हुए तुरंत पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की संभावना पर विचार किया गया।
जांच के दौरान ट्रकों के साथ एक परिवार भी मौजूद था। पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि वे इन गोवंशों को राजस्थान से पंजाब चराने ले गए थे और अब उन्हें वापस ला रहे हैं। परिवार ने यह भी स्पष्ट किया कि वे वर्षों से गोवंशों की सेवा कर रहे हैं और उनके पास ही ये सभी जानवर हैं।
इस दावे की पुष्टि के लिए स्थानीय सरपंच से संपर्क किया गया। सरपंच ने भी परिवार की सच्चाई को स्वीकारते हुए बताया कि यह परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है लेकिन गोसेवा में सदैव जुटा रहा है। उनकी मंशा गलत नहीं है।
स्थिति की गंभीरता को समझते हुए और गोवंशों की जान को ध्यान में रखते हुए भीम गौ रक्षा दल ने तुरंत एक नए ट्रक की व्यवस्था की, जिसमें पशुओं को सुरक्षित और नियमों के अनुरूप स्थानांतरित किया गया। बाद में सभी गोवंशों को सुरक्षित रवाना कर दिया गया।
इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व अध्यक्ष करण कठेरिया, आत्माराम विश्नोई, भीम कठेरिया (सोनू), राजकुमार राजपूत, ब्रिज मोहन, रवि कटारिया, सोनू सीध, आदित्य, अजय और रोशन आदि ने किया। दल के सभी सदस्य मौके पर मुस्तैदी से डटे रहे और अपने कर्तव्य का पूर्ण निष्ठा से निर्वहन किया।
भीम गौ रक्षा दल द्वारा की गई यह सराहनीय कार्रवाई न केवल पशु सुरक्षा की मिसाल है बल्कि मानवीय संवेदनाओं का भी उदाहरण है, जहां सच्चाई और संवेदनशीलता के साथ निर्णय लेकर पशु जीवन की रक्षा की गई।
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